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एक लाख करोड़ निवेश पर अमित शाह ने दी धामी सरकार को सुपर शाबासी

वर्ष 2023 में निवेशक सम्मेलन के समापन में मौजूद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से एक खास चर्चा की थी। यह चर्चा पराक्रम से संबंधित थी। तब गृह मंत्री ने कहा था-निवेश के एमओयू लाने में पराक्रम नहीं है। असल पराक्रम निवेश के प्रस्ताव को धरातल पर उतारने में है। करीब डेढ़ साल बाद निवेश उत्सव के मौके पर उत्तराखंड के इस पराक्रम को केंद्रीय गृह मंत्री ने खुले दिल से मान्यता दी। सीएम पुष्कर सिंह धामी को सुपर शाबासी दी। यह भी विश्वास दिला दिया कि उत्तराखंड के इस तरह के हर प्रयास में केंद्र की मोदी सरकार मजबूती से उसके साथ खड़ी है।

निवेश उत्साह में बतौर मुख्य अतिथि अमित शाह ने वर्ष 2023 के निवेशक सम्मेलन के समापन का खास तौर पर जिक्र किया। रूद्रपुर के कार्यक्रम में उपस्थित निवेशकों और लोगों को बताया कि किस तरह से उन्होंने पराक्रम दिखाने का सीएम से आह्वान किया था। शाह ने खुले दिल से स्वीकार किया कि निवेश प्रस्तावों को तीस फीसदी तक धरातल पर उतार देना सचमुच बहुत बड़ी उपलब्धि है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी और उनकी सरकार के बेहतरीन प्रदर्शन को गृह मंत्री ने एक बार नहीं, बल्कि बार-बार सराहा। सीएम के नाम का खास तौर पर उल्लेख करते हुए उन्होंने कभी भाई कहा, तो कभी लोकप्रिय और यशस्वी मुख्यमंत्री बताया। उत्तराखंड की सराहना करते हुए शाह ने अपने गृह राज्य गुजरात की भी चर्चा की और पहाड़ में निवेश के संबंध में चुनौती को दिलचस्प ढंग से सामने रखा। उन्होंने उत्तराखंड में निवेश लायक बने बेहतरीन माहौल के पीछे छिपी बुनियादी बातों का जिक्र किया। साथ ही, सिलसिलेवार उन नीतियों की ब्रांडिंग भी कर डाली, जिनसे आर्थिक विकास को गति मिल रही है।

गृह मंत्री के वे शब्द, जो बने विश्वास के प्रमाण

01 – मैं पूरे उत्तराखंड के प्रतिनिधि के रूप में पुष्कर सिंह धामी और उनकी टीम को बधाई और साधुवाद देना चाहता हूं, क्योंकि आज एक लाख करोड़ का निवेश जमीनी सच्चाई बन गया है।

02 – पहाड़ी राज्यों में निवेश लाने में पहाड़ चढ़ने जितनी कठिनाई होती है, लेकिन धामी ने सारी परिकल्पनाओं को तोड़ा है। आज उत्तराखंड में एक लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट आने के साथ ही 81 हजार से अधिक रोजगार का सृजन हुआ है।

03 – धामी ने औद्योगिक विकास और पर्यावरण के बीच में संतुलन भी स्थापित किया है। रोजगार को स्थायित्व देने का काम किया है। नीतियों में पारदर्शिता, क्रियान्वयन में तीव्रता और दृष्टि में दूरदर्शिता के साथ ही उत्तराखंड के समग्र विकास का खाका खींचा है।

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